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May 18, 2024

what is memory in hindi, types of memory in hindi, मेमोरी कितने प्रकार के होते है?, मेमोरी के कुल कितने भाग होते है, RAM और ROM क्या है?,

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Memory Device Input Device के द्वारा प्राप्त निर्देशों को Computer में संग्रहण (Store) करके रखता है इसे Computer की याददाश्त भी कहाँ जाता है मानव में कुछ बातों को याद रखने के लिये मष्तिस्क होता है, उसी प्रकार Computer में डाटा को याद रखने के लिए मेमोरी (Memory) होती हैं यह मेमोरी C.P.U का अभिन्न अंग है, इसे Computer की मुख्य मेमोरी (Main memory), आंतरिक मेमोरी (Internal Memory), या प्राथमिक मेमोरी (Primary Memory) भी कहते हैं किसी भी निर्देश, सूचना, अथवा परिणामों को स्टोर करके रखना मेमोरी कहलाता हैं|”


Types of Computer Memory-Computer में डाटा को स्थायी और अस्थायी रूप में संग्रहित किया जाता हैं जिसके लिए वह अलग-अलग प्रकार की स्मृति इस्तेमाल करता हैं जिन्हे इस प्रकार वर्गीकृत किया जाता हैं

1. Cache Memory      2. Primary Memory        3. Secondary Memory

Cache Memory-यह मैमोरी बहुत ही तेज होती है इस मेंमोरी में अधिकतर यानि Frequently इस्तेमाल होने वाले प्रोग्राम और निर्देश संग्रहित किये जाते हैं ताकि CPU तेजी से कार्य कर सके Cache Memory CPU और Main Memory के बीच स्थित होती हैं. यानि CPU पहले से ही Cache Memory में स्टोर डाटा और निर्देश प्राप्त कर लेता हैं और कार्य के दोहराव से बच जाता हैं. क्योंकि उसे अब किसी कार्य के लिए निर्देश और डाटा प्राप्त करने के लिए प्राथमिक स्मृति में नही जाना पडता हैं इसलिए CPU तेजी से कार्य करता हैं

Primary Memory-Primary Memory को मुख्य मैमोरी (Main Memory) और अस्थायी मैमोरी (Volatile Memory) भी कहा जाता हैं. यह मैमोरी CPU का भाग होती हैं जहाँ से CPU डाटा और निर्देश प्राप्त करता हैं. और प्रोसेस करने के बाद सुरक्षित रखता हैं

प्राथमिक मैमोरी के दो प्रकार होते हैं

1. RAM or Volatile Memory   


2. ROM or Non-Volatile Memory


Secondary Memory-इसे External (अतिरिक्त) और Non-Volatile Memory के नाम से भी जाना जाता हैं इसका इस्तेमाल डाटा को Permanently Store करने के लिए किया जाता हैं इस मैमोरी में संग्रहित डाटा हमेशा के लिए सुरक्षित रहता हैं जिसे User और कम्प्युटर कभी भी Access कर सकते हैं

Computer Memory Units-Computer Memory में डाटा 0 और 1 के रूप में संग्रहित रहता हैं इन दो संख्याओं को Binary Digits और Bits कहा जाता हैं प्रत्येक अंक एक Bit को प्रस्तुत करता हैं. इसलिए Computer Memory की सबसे छोटी इकाई Bit होती हैं Memory के छोटे-छोटे Characters को Represent करने के लिए इन Binary Digits का एक Set बनाया जाता हैं इसकी शुरुआत 8 Digits या 8 Bits (जैसे; 10011001) से होती हैं ये 8 Bits 1 Byte के बराबर होते हैं इसी प्रकार ज्यादा डाटा को Represent करने के लिए इन Bits का और बडा Set बनाया जाता हैं. जिनका नामकरण Bits की संख्याओं के आधार पर किया जाता हैं

RAM( Random Access Memory )-रैम कंप्यूटर की अस्थाई मेमोरी होती है। क्योकि कंप्यूटर को बंद करने पर इसमें स्टोर डाटा (सूचना) नष्ट हो जाती है। इस मेमोरी का उपयोग सी पी यू पर क्रियान्वित होने वाले प्रोग्राम संगृहीत करने के लिए किया जाता है। सी पी यू द्वारा प्रोग्राम के क्रियान्वयन के बाद रैम में स्टोर डाटा को हटाकर नये डाटा रैम में स्टोर हो जाता है इस मेमोरी में सूचनाओं को किसी भी स्थान पर स्टोर कर सकते है। रैम की क्षमता 64MB से लेकर 8GB तक हो सकती है।

Type of RAM-

1. Dynamic Ram

2. Static Ram

i). Dynamic RAM- डायनामिक रैम में स्टोर सूचना को कुछ ही मिली सेकंड के बाद पुनः लिखना पड़ता है नहीं तो ये सूचनाएं समाप्त हो जाती है। इस रैम की स्टोर क्षमता अधिक होती है। इस रैम की गति कम होती है। यह रैम सस्ती होती है।

ii). Static RAMस्टैटिक मेमोरी में सूचना को पुनः लिखने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। उसमे स्टोर सूचना तब तक रहती है जब तक इसमें विधुत धारा प्रवाहित होती है।इस रैम की स्टोर क्षमता कम होती है। इसकी की गति अधिक होती है। यह महंगी होती है।

ROM (Read Only Memory)-इसमें रखीं गयी सूचना को केवल पढ़ा जा सकता है। इस मेमोरी में तो कुछ लिखा जा सकता है ही लिखी गई सूचना को बदला जा सकता है। यह स्थाई मेमोरी होती है। कंप्यूटर को बंद करने पर इसमें स्टोर डाटा नष्ट नहीं होता है। इस मेमोरी में कंप्यूटर निर्माण के समय ही सूचनाएं store कर दी जाती है। कंप्यूटर को ऑन करते ही ROM में स्टोर प्रोग्राम स्वतः ही active हो जाते है। ये प्रोग्राम कंप्यूटर के सभी उपकरणों की जांच कर उन्हें सक्रिय अवस्था में लाते है।

Types of ROM

PROM(Programmable Read Only Memory)-इस प्रकार के रोम में प्रारम्भ में खाली होती है इसमें उपयोगकर्ता विशेष उपकरणों से अपने प्रोग्राम को स्टोर कर सकता है। एक बार प्रोग्राम स्टोर हो जाने के बाद उनको बदला या हटाया नहीं जा सकता।

EPROM ( Erasable Programmable Read Only Memory)- यह मेमोरी PROM की तरह ही होती है। लेकिन इसमें स्टोर प्रोग्राम को पराबैगनी किरणों ( Ultra Violet Rays) की सहायता से हटाया जा सकता है और उसे फिर से लिखा जा सकता है।

EEPROM (Electrically Erasable Programmable Read Only Memory)- यह मेमोरी EPROM की तरह ही होती है। लेकिन इसमें स्टोर प्रोग्राम को Electrical Method की सहायता से हटाया जा सकता है और उसे फिर से लिखा जा सकता है।

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