May 04, 2024
History of Computer in hindi,
अबेकस- 3000 वर्ष पूर्व:-
सबसे पहला कंप्यूटर अबेकस को ही माना जाता है जिसे 3000 वर्ष पूर्व 16वीं शताब्दी में चीन के वैज्ञानिक ली काई चैन द्वारा बनाया गया। अबेकस के कार्य:- अबेकस मुख्य रूप से जोड़ने घटाने के लिए प्रयोग किया जाता था। यानी यह बिना बिजली के चलने वाला पहला कंप्यूटर था वास्तव मेँ यह काम करने के लिए आपके हाथो पर ही निर्भर था।

नेपियर बोंस
(Napier Bones): नेपियर बोंस का अविष्कार स्कॉटलैंड के गणितज्ञ जॉन नेपिअर ने किया था। इसके अविष्कार होने से गुणा करने कि क्रिया में काफ़ी आसानी हुई, नेपियर बोंस में दस पट्टियाँ होती थी जिन पर क्रमशः 0
से 9
तक के पहाड़े अंकित होते थे।

स्लाइड रुल (Slide
Rule): शुरुआती दिनों से ही कंप्यूटर के डेवेलप्मेंट में गणितज्ञ का बड़ा हाथ रहा है, स्लाइड रूल का भी अविष्कार एक गणितज्ञ ने ही किया था वे ज़र्मनी से ताल्लुकात रखते थे नाम था विलियम आउटरेड। यह यंत्र लघुगणक विधि के आधार पर सरलता से गणनाए कर सकता था।

पास्कल कैलकुलेटर
(Pascal Calculator): प्रथम गणना मशीन (Mechanical
Calculator) का निर्माण सन 1645
में फ्रांस के गणितज्ञ ब्लेज़ पास्कल (Blaise
Pascal) ने किया था। इस कैलकुलेटर में इंटरलॉकिंग गियर्स का उपयोग किया गया था, जो 0
से 9
संख्या को दर्शाता था। यह केवल जोड़ घटाव में ही सक्षम था।

लिब्निज का यांत्रिक कैलकुलेटर
(Mechanical Calculator of Leibnitz):

जर्मन गणितज्ञ गोटफ्रेड वान लिब्निज ने यांत्रिक कैलकुलेटर (Mechanical
Calculator) का अविष्कार किया था। यह मशीन जोड़, घटाव के साथ-साथ गुणा व भाग कर सकने में भी समर्थ थी।
जेकार्ड्स लूम:-

फ्रांस के वैज्ञानिक जोसेफ मेरी जेकार्ड द्वारा 1801
ई० में जेकार्ड्स लूम नामक मशीन बनाइ। यह एक ऐसी मशीन थी जिसमें बुनाई के डिजाइन डालने के लिए छिद्र किये हुए कार्ड का उपयोग किया जाता था। जेकार्ड्स लूम के कार्य:-जेकार्ड्स लूम का प्रयोग कपड़े बुनने के लिए किया जाता था।
चार्ल्स बेबेज का डिफरेंस इंजन
(Charles Babbage’s Difference Engine):

कैंब्रिज विश्वविधालय के गणितज्ञ प्रोफेसर चार्ल्स बेबेज ने इस यंत्र का अविष्कार किया था। इस मशीन में शाफ़्ट तथा गियर लगे होते थे तथा यह मशीन भाप से चलती थी। इस मशीन की सहायता से विभिन्न बीजगणितीय फलनों का मान दशमलव के 20
स्थानों तक शुद्धतापूर्वक ज्ञात किया जा सकता है।
बेबेज का एनालिटिकल इंजन
(Analytical Engine of Babbage):

डिफरेंस इंजन की सफलता के पश्चात चार्ल्स बेबेज ने इस यंत्र की रूप रेखा तैयार की। यह आधुनिक कंप्यूटर का शुरुआती प्रारूप है इस मशीन के 5 मुख्य भाग थे1. इनपुट इकाई 2.स्टोर 3. मिल 4.कंट्रोल 5.आउटपुट इकाई
लेडी एडा अगस्टा (Lady Ada
Augusta): इन्होंने एनालिटिकल इंजन में पहला प्रोग्राम डाला। इन्हें दुनिया का प्रथम प्रोग्रामर (Programmer) भी कहा जाता है। इन्हें दो अंको की संख्या प्रणाली बाइनरी प्रणाली (Binary System) के अविष्कार का श्रेय भी है।
टेबुलेटिंग मशीन:-

अमेरिकी वैज्ञानिक हरमन होलेरिथ ने 1889
ई.
में इस मशीन का निर्माण किया इस मशीन में पढ़ने का कार्य छेद किए हुए कार्ड द्वारा किया जाता था। इस मशीन में एक समय में एक ही कार्ड को पढ़ा जाता था। 1896
में होलेरिथ में tabulating
मशीन कंपनी की स्थापना की जो पंचकार्ड यंत्र का उत्पादन करती थी आगे चलकर इस कंपनी का नाम इंटरनेशनल बिजनेस machine
कर दिया गया। टेबुलेटिंग मशीन का प्रयोग जनगणना में किया गया।
मार्क-I
(Marc-I):
1937 से 1944 के बीच आईबीएम (IBM-Internation Business
Machine) नामक कंपनी के सहयोग तथा वैग्यानिक हेवार्ड आईकन (Haward Aikan) के निर्देशन में विश्व के प्रथम पूर्ण स्वचालित विद्युत यांत्रिक (Electro-mechanical) गणना यंत्र का अविष्कार किया गया. इसे मार्क-I नाम दिया गया।
ए.बी.सी.
(ABC-Atanasoft-Berry Computer):

1939
में जॉन एटनासॉफ्ट और क्लिफोर्ड बेरी नामक वैज्ञानिकों ने मिलकर संसार का पहला ‘इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर (Electronic
Digital Computer)’ का अविष्कार किया, इनके ही नाम पर इसे एबीसी (ABC)
का नाम दिया गया।
एनिएक
(ENIAC-Electronic Numerical Integrator and
Calculator):

1946 में अमेरिकी वैज्ञानिक जे. पी. अकर्ट (J.
P Eckert) तथा जॉन मुचली (John
Mauchly) ने सामान्य कार्यों के लिए प्रथम पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक
(Fully Electronic) कंप्यूटर का अविष्कार किया जिसे एनिएक (ENIAC-Electronic
Numerical Integrator and Calculator) नाम दिया गया।
स्टोर्ड प्रोग्राम कॉन्सेप्ट
(EDSAC- Stored Program Concept):

स्टोर्ड प्रोग्राम कॉन्सेप्ट के अनुसार प्रचालन निर्देश (Operating
Instruction) और आकड़ा (Data)
जिनका प्रोसेसिंग में उपयोग हो रहा है। उसे कंप्यूटर में स्टोर्ड होना चाहिए और आवश्कतानुसार प्रोग्राम के क्रियान्वयन
(Execution) के समय रूपांतरित होना चाहिए।
इडवैक
(EDVAC- Electronic Discrete Variable Automatic
Computer):एनिएक कंप्यूटर में प्रोग्राम में परिवर्तन कठिन था। इससे निपटने के लिए वान न्यूमेन (Van
Neumann) ने संगृहित प्रोग्राम (Stored
Program) की अवधारणा दी तथा इडवैक का विकास किया।